चौरासी लाख योनियाँ


चौरासी लाख योनियाँ

एक आत्मा 84 लाख योनियों मे भ्रमण करती है। कई लाख प्रकार के पेड़-पौधे , कई लाख प्रकार के भूत-प्रेत, कई लाख प्रकार के कीड़े-मकौरे ,कई लाख प्रकार के जानवर, कई लाख प्रकार के यक्ष,गंधर्व ,देवी-देवता, मनुष्य  इत्यादि । इन योनियो मे एक आत्मा अपने द्धारा किए कर्मो के कारण भटकती है।


यदि एक योनि में एक आत्मा को 1 साल लगे , तो भी सभी योनियो के भ्रमण मे आत्मा को चौरासी लाख साल लगेगे। परन्तु कई योनीया जैसे पेड़ , साप ,भूत प्रेत इत्यादि मे कभी-कभी हजारो साल लग जाते है। चौरासी लाख योनियों के चक्कर लगाने के बाद आत्मा को बहुत मुसकिल से मनुष्य जन्म की प्राप्ति होती है। और क्या पता मनुष्य जन्म मिले ना मिले, या कहीं ऐसी जगह मिल जाये, जहाँ भूले-भटके भी हमारा ख्याल मालिक की भक्ति की तरफ न जाये। 84 लाख योनियों में केवल और केवल मनुष्य जन्म ही एक ऐसी योनि है जिसके द्वारा आत्मा इस 84 लाख योनियों के आवागमन से निकलकर मोक्ष को प्राप्त कर सकती है। देवता भी मनुष्य जन्म की आकांक्षा करते हैं ताकि इस चौरासी के आवागमन से खुद को आजाद कर सकें,खुद को मालिक मे अभेदकर के अपने जन्म मरण के कलंक को सदा के लिए मिटा सकें। 




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